आपके घर के पास लगे मोबाइल टावर का काम क्या होता है? किसी को फोन करने में ये कैसे मदद करते हैं

आपके घर के पास लगे मोबाइल टावर का काम क्या होता है? किसी को फोन करने में ये कैसे मदद करते हैं

How Mobile Tower works: आपने देखा होगा कि आपके घर के आसपास मोबाइल टावर होंगे, लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर ये कैसे काम करते हैं और क्या सही में इनके पास जाने से फोन का नेटवर्क सही हो जाता है?
आपके Area में आपने देखे होंगे कि मोबाइल Tower लगे होते हैं। अब तो इसका Business भी काफी किया जा रहा है। आपने देखा होगा कि इस टावर में बड़े-बड़े एंटीना और तार लगे होते हैं और इसमें कोई आवाज नहीं आती है और इसमें कोई आदमी भी काम नहीं करता। तो फिर इन टावर का काम क्या होता है। कहा जाता है कि जब आप किसी को फोन करते हैं तो ये टावर ही आपकी आवाज को अगले व्यक्ति तक पहुंचाते हैं।

तो आज समझने की कोशिश करते हैं कि मोबाइल टावर क्या काम करते हैं और यह अपना काम किस तरह से करते हैं। आप भी इस रिपोर्ट को देखने के बाद आपका किया हुआ कॉल कुछ ही सेकेंड में अगले व्यक्ति के पास किस तरह पहुंच जाता है। जानने हैं इससे जुड़ी हर एक बात…

मोबाइल टावर क्या करता है?
 
जब आप किसी से फोन पर बात करें तो आपकी आवाज को फोन सिगनल में कन्वर्ट करके भेजता है और यह दूसरे व्यक्ति के फोन तक सिगनल के माध्यम से पहुंचता है और उसके बाद उन सिगनल को आवाज में कन्वर्ट कर दिया जाता है। इससे पता चलता है कि आखिर अगले आदमी ने क्या बोला है। लेकिन सवाल है कि आखिर कैसे ये सिगनल एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।
 

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दरअसल, ये signal विद्युत चुंबकीय तरंगों के माध्यम से हवा में ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर होती है। ये खास तरीके की तरंगे होती हैं, जिन्हें रेडियो फ्रीकवेंसी कहा जाता है। लेकिन आप सोच रहे होंगे कि यह कुछ ही सेकेंड में एक हजारों किलोमीटर का फासला कैसे पूरा कर लेती हैं। इनके बीच में इमारतें, पहाड़ आदि आते होंगे। अब ये जो काम है ये मोबाइल टावर ही करते हैं। मोबाइल टावर आपके फोन के सिगनल को आगे पहुंचाने में मदद करते हैं। यानी अगर आप किसी से बात करते हैं तो मोबाइल टावर के जरिए ही अगले व्यक्ति तक बात पहुंचती है।

कैसे फोन कनेक्ट करता है टावर
 
ये टॉवर आपस में फाइबर के जरिए जुड़े रहते हैं और मोबाइल टावर फाइबर के जरिए दूसरे टावर तक कनेक्ट होकर काम करते हैं। इसके बाद अगले व्यक्ति पास वाले टावर से signal उन्हें मिल जाते हैं। यह पोस्टऑफिस की तरह काम करता है। आप पहले पोस्ट ऑफिस में चिट्ठी देकर आते हैं और ये चिट्ठी अगले व्यक्ति के नजदीकी स्टेशन तक पहुंचती है। इसके बाद वहां से डाकिया उसके घर तक चिट्ठी दे देता है।
 

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ऐसे ही पहले तरंगों के जरिए मोबाइल नेटवर्क तक आपकी बात पहुंचती है और मोबाइल नेटवर्क इसे फाइबर में जाने के लिए तैयार करता है और फाइबर के जरिए अगले व्यक्ति के नजदीकी टावर तक इसे पहुंचाया जाता है। फिर तरंगों के माध्यम से फोन में भेज दिया जाता है। अब आप समझ गए होंगे कि ये टावर क्या करते हैं। टावर के तरंगों को कन्वर्ट करने और हासिल करने का काम उसके ऊपल लगए एंटीना से होते हैं, जो हर टावर में लगे होते हैं।